भव्य जग जननी दरबार मंदिर निर्माण कार्य
भव्य जग जननी दरबार मंदिर निर्माण कार्य परम श्रद्धेय जल वाले गुरु जी महाराज एवं माँ भगवती की कृपा से भव्य जग जननी दरबार में निर्माण कार्य प्रगति पर है | धर्म के इस कार्य में आप सभी धर्म प्रेमी एवं श्रद्धालु श्रद्धा रूपी सहयोग कर पुण्य के भागीदार बने |
जल वाला मन्दिर दर्शन, फोटोग्राफ्स
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- श्री राम जानकी विवाहोत्सव के शुभ अवसर पर संक्षिप्त श्री राम कथापरम श्रद्धेय श्री जल वाले गुरु जी के पावन सानिध्य मेंश्री राम जानकी विवाहोत्सव के शुभ अवसर पर संक्षिप्त श्री राम कथाकथा व्यास – श्री वरुण राघव लाल जीदिनाँक – 06 दिसम्बर 2024, दिन – शुक्रवारस्थान – भव्य जग जननी दरबार प्रांगण (जल वाला मंदिर)
- ६२वीं विशाल वैष्णो देवी यात्रा, पवित्र ज्वाला ज्योति के साथ एवं जल वाले गुरु जी के साथमाँ कालका जीमाँ मनसा देवी, हरिद्वारमाँ शाकुम्भरी देवी, सहारनपुरमाँ नैना देवी, बिलासपुर, हिमाचलमाँ चिन्तपूर्णी देवी, हिमाचलमाँ ज्वाला देवी, ज्वालामुखी, हिमाचलमाँ बृजेश्वरी देवी (नगरकोट), हिमाचलमाँ चामुण्डा देवी, हिमाचलमाँ वैष्णो देवी (कटरा)ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्रहर की पौड़ी, हरिद्वार For Ticket Booking Please contact us at9810074170, 8791320067, 8279737162, 9818705859, 9810420430 Fare Just Rs. 4000/- Head
- शिव परिवार प्राण प्रतिष्ठा – परम श्रद्धेय श्री जल वाले गुरु जी के सानिध्य में, स्थान – भव्य जग जननी दरबार, जल वाला मंदिर प्रांगणदिन – सोमवार, दिनांक – 22/01/2024
- सत्संग एवं प्रवचन – परम पूज्य जल वाले गुरु जी के श्री मुख से, मीठापुर, बदरपुरदिन – रविवार, दिनांक – 14/01/2024
- सत्संग एवं प्रवचन – परम पूज्य जल वाले गुरु जी के श्री मुख से, गजरौलासत्संग एवं प्रवचन – परम पूज्य जल वाले गुरु जी के श्री मुख से, गजरौला
- माँ भगवती की विशेष पूजा, हवन, मासिक सत्संग एवं प्रवचन January 2024सत्संग एवं प्रवचन – परम पूज्य जल वाले गुरु जी के श्री मुख से
जब जब पृथ्वी पर पाप बढ़ा है! धर्म की हानि हुई है तब तब धर्म की रक्षा व दुष्टों के संहार के लिए भगवान किसी न किसी रूप मे अवतरित हुए है अथवा संत महात्माओं के माध्यम से जन कल्याण के लिए धर्म के कार्य कराते हैं। ऐसी महान आत्माए ही संत महात्माओं के रूप मे जन कल्याण के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देते हैं वे हर युग में हर समय वंदनीय रहें हैं और ऐसे महापुरुषों की जीवन गाथा एवं चरित्र समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर जनमानस का मार्गदर्शन करते रहें हैं। शास्त्रानुसार ऐसे महान व्यक्तियों का जीवन परिचय कार्य एवं गुणों का वर्णन कविता अथवा गध्य के माध्यम से जन मानस तक पहुंचाना भी धर्म का ही कार्य है। शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज के समय के एक ऐसे ही साधारण से दिखने वाले महान पुरुष हैं जिन पर माँ भगवती की असीम अनुकंपा है जिन्होने अपने जीवन को दीन-दुखियों एवं माँ भगवती की सेवा और धर्म प्रचार मे अर्पित कर दिया हैं । जिन्हे आज लोग जल वाले गुरु जी के नाम से जानते हैं ।
माँ – भव्य जग जननी दरबार
परम पूज्य श्री जय कुमार शर्मा जी (जल वाले गुरु जी) का जन्म बागपत जिले के खट्टा प्रह्लादपुर गाँव में एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में माघ शुक्ल पंचमी (बसंत पंचमी) संवत 2007 तदनुसार 11 फरवरी सन् 1951 में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री खचेडू शर्मा और माता का नाम श्रीमती जिहानी देवी था। वे धार्मिक प्रवृति के परोपकारी व्यक्ति थे। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही सम्पन्न हुई। गाँव में मिडिल तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात पास के ही गाँव ढिकौली में एम०जी०एम० इंटर कॉलेज से विज्ञान वर्ग में इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। आप हमेंशा अपनी कक्षा में प्रथम श्रेणी के आदर्श छात्र रहे हैं। इनको कविताएं, नाटक व निबंध आदि लिखने का बड़ा शौक था। विधालय की पत्रिका में इनकी कविता और लेख निकलते थे । इनकी वैज्ञानिक शिक्षा होते हुए भी अपने माता पिता से मिले विरासती संस्कारों के परिणाम स्वरूप धर्म के प्रति पूर्ण आस्था थी
परम श्रद्धेय श्री जल वाले गुरु जी
इनका जीवन बचपन से ही साधू संतों के सानिध्य में व्यतीत हुआ। विशेष रूप से गाँव में स्थित शिव मंदिर के महंत श्री भगवत पुरी जी के सानिध्य में अधिक समय बीता, जहां से जीवन के प्रारम्भिक संस्कारों का सृजन हुआ। इन्होने अपने जीवन में सेवा कार्यों का शुभारम्भ वर्ष 1970 – 71 में बागपत के यमुना इंटर कॉलेज में अध्यापन कार्य से किया। उसके पश्चात कम्प्युटर का प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा सन् 1973 में आपको तत्कालीन कृषि एवं सिंचाई मंत्रालय भारत सरकार में कम्प्युटर के पद पर नौकरी प्राप्त हुई। आपकी कार्यक्षमता एवं कार्य कुशलता को देखते हुये 1977 में भारत सरकार की ओर से भारत में कंपूटिकरण के लिए बुल्गेरिया के इंजीनियरों द्वारा प्रशिक्षित कराया गया। सन् 1982 में जग जननी दरबार 190ए हरी नगर आश्रम दिल्ली से ये प्रथम बार श्री पूर्णमल बगत जी के साथ वैष्णो देवी की यात्रा पर गए फिर प्रति वर्ष निरंतर यात्रा पर जाते रहे। सन् 1987 में विशेष कार्य के कारण आपको केंद्र सरकार के द्वारा राज्यों में कम्प्युटर शिक्षा के प्रसार के लिए लखनऊ स्थानांतरण कर दिया गया, जहां दो वर्ष तक रहे। आपकी आध्यात्मिक प्रवृति और समय की उपलब्धता के कारण इन दो वर्षो में विशेष साधना का समय मिला। आपने बड़ा हनुमान मंदिर अली गंज लखनऊ में साधना की तथा इसी बीच कई बार काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के साथ-साथ अनेक महात्माओं का सानिध्य मिला और आप अयोध्या भी गए। सन् 1990 में वैष्णो देवी की यात्रा में कटरे से भवन की चढ़ाई चढ़ते समय आपको माँ भगवती का साक्षात्कार हुआ ।
गुरूजी से मिलने का समय
दिन | समय |
मंगलवार | प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक |
बुद्धवार | प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक |
बृहस्पतिवार | प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक |
शुक्रवार | प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक |
शनिवार | प्रातः 7 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक (केवल दूर वालो के लिए) |
रविवार | प्रातः 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक (महीने के दूसरे रविवार को छोड़कर) |
शुक्ल पक्ष की अष्टमी | प्रातः 8 बजे से शाम 4 बजे तक |